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धनबाद: आयकर आयुक्त रिश्वतखोरी प्रकरण में अब तक 5 गिरफ्तार, 3 को पटना ले गई सीबीआई

धनबाद: आयकर आयुक्त रिश्वतखोरी प्रकरण में अब तक 5 गिरफ्तार, 3 को पटना ले गई सीबीआई

धनबाद: आयकर आयुक्त रिश्वतखोरी प्रकरण में अब तक 5 गिरफ्तार, 3 को पटना ले गई सीबीआई

 

*Dhanbad:* आयकर आयुक्त रिश्वतखोरी प्रकरण में सीबीआई दिल्ली और पटना की टीम धनबाद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मंगलवार को पटना रवाना हो गई. तीनों को मेडिकल जांच के बाद टीम अपने साथ ले गई है

आरोपियों में हाउसिंग कॉलोनी के डॉ. प्रणय पूर्वे, बैंक मोड़ के ट्रांसपोर्टर सह कोयला कारोबारी गुरुपाल सिंह और विपिन प्रिंटिंग प्रेस के संचालक अशोक चौरसिया शामिल हैं. सीबीआई की टीम ने सोमवार को इनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. सोमवार की रात तीनों को हिरासत में लेकर टीम ने विपिन प्रिंटिंग प्रेस में रात भर पूछताछ की. पूछताछ के बाद इनके ठिकानों से कई दस्तावेज, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए.

 

ज्ञात हो कि सीबीआई ने पटना में आयकर आयुक्त संतोष कुमार को 10 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा था. ये रिश्वत पटना निवासी चीकू नामक व्यक्ति ने दी थी. सीबीआई ने चीकू को भी गिरफ्तार किया था. चीकू और धनबाद के डॉ. प्रणय पूर्वे रिश्तेदार बताए जाते हैं. सीबीआई सूत्रों की मानें, तो चीकू को डॉ प्रणय ने ही रिश्वत की रकम पहुंचाने की जिम्मेवारी सौंपी थी. इस बात की जानकारी मिलते ही सीबीआई की टीम ने धनबाद में दबिश दी. टीम ने डॉ. प्रणय पूर्वे को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसके बाद टीम ने ट्रांसपोर्टर गुरुपाल सिंह के घर पर दबिश दी. सीबीआई को जानकारी मिली थी कि रिश्वत की रकम डॉ. प्रणय ने गुरुपाल सिंह के कहने पर चीकू को दी थी. गुरुपाल से पूछताछ के बाद टीम ने विपिन प्रिंटिंग प्रेस के मालिक अशोक चौरसिया पर शिकंजा कसा. फिर तीनों को एक साथ विपिन प्रिंटिंग प्रेस में लाकर पूछताछ हुई. टीम ने इनके आवासों और कार्यालयों कई दस्तावेज, मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को जब्त किया है. इस मामले में अब तक कुल पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. संतोष कुमार पटना आयकर आयुक्त के साथ ही धनबाद आयकर आयुक्त के प्रभार में थे. रिश्वतखोरी का यह मामला बड़ी आयकर चोरी से जोड़ कर देखा जा रहा है.

 

सूत्रों की मानें, तो धनबाद में एक गिरोह आयकर आयुक्त के लिए काम करता था. यह गिरोह कारोबारियों को बचाने के लिए आयकर विभाग के अधिकारियों से सेटिंग कराता था और उन्हें रकम पहुंचाता था. ऐसे कारोबारियों में कई बड़े कोयला कारोबारियों के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कंपनियों के संचालक तक शामिल हैं.

 

धनबाद में सीबीआई की बड़ी कार्रवाइयों में अक्सर धनबाद क्लब चर्चे में आ जाता है. इस कार्रवाई में डॉ. प्रणय पूर्वे को धनबाद क्लब से ही हिरासत में लिए जाने की बात सामने आ रही है. डॉ. पूर्वे धनबाद क्लब के सचिव हैं. इससे पहले आयकर अधिकारी स्वर्ण सिंह के खिलाफ हुई सीबीआई की कार्रवाई में धनबाद क्लब का नाम उछला था. कोल किंग सुरेश सिंह हत्याकांड को भी धनबाद क्लब में ही अंजाम दिया गया था.

 

गुरुपाल सिंह की कंपनी जीटीएस को बीसीसीएल ने करीब दस साल पहले ब्लैकलिस्टेड कर दिया था. इसके बाद गुरुपाल ने अपने भाई के नाम पर एसटीई नाम से कंपनी बनाई और उसके जरिए कारोबार करने लगा. धनबाद के कोल कारोबारियों की मानें तो कंपनी वही है सिर्फ नाम बदल दिया गया. यह कंपनी बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र में ट्रांसपोर्टिंग के साथ ही पीबी एरिया में आउटसोर्सिंग का भी संचालन कर रही है.

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